मुंबई,अगस्त 24 भारत की 'फाइव ट्रिलियन डॉलर' अर्थव्यवस्था के सपने को साकार करने में मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) अहम भूमिका निभाएगा। इस क्षेत्र में महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी सुविधाओं) को गति देने को प्राथमिकता दें, ऐसा निर्देश राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिया है।मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने विश्वास व्यक्त किया है कि एमएमआर क्षेत्र 2047 में विकसित भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक 'पावर हाउस' साबित होगा। इसमें संचार, सतत शहरी विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी सुविधाओं) के विकास परियोजनाओं को गति देने वाले बड़े निवेश आएंगें।शहरी विकास की दृष्टि से एमएमआर क्षेत्र का कायापलट हो सकता हैं, इन परियोजनाओं में 'प्लैटिनम' और 'गोल्डन' (सुवर्ण) परियोजनाओं की श्रेणी में योजना तैयार की जा रही हैं।
प्लैटिनम प्रोजेक्ट
इस में अटल सेतु (मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक), अलीबाग, गोराई और मढ इन तीन पर्यटन विकास क्षेत्र और खारबांव इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स पार्क, अणगांव-सापे, वाढवण और दिघी के औद्योगिक शहर का समावेश हैं अटल सेतु परियोजना पूरी हो चुकी है। अलिबाग, गोराई और मढ क्षेत्रों में विश्व स्तरीय आधुनिक पर्यटन सुविधाएं बनाने के लिए निवेश किया जाएगा। वसई के खारबांव में 248 हेक्टेयर में ग्रीनफील्ड इंडस्ट्रियल पार्क बनाया जाएगा। जिसके परिणामस्वरुप 560 करोड़ डॉलर का निवेश संभव हो सकेगा।अणगांव – सापे, वाढवण और दिघी में औद्योगिक टाउनशिप (शहर) विकसित की जाएंगा। इसे हाइ-ग्रोथ इंडस्ट्रीयल हब (उच्च विकास वाले औद्योगिक केंद्र) के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे इन तीन जगहों को उत्पादन क्षेत्र (विनिर्माण क्षेत्र) और बड़े पैमाने रोजगार सृजन क्षेत्र के के रुप में जाना जाएगा। ऐसी भी उम्मीद है कि यहां पर करीब एक हजार करोड़ डॉलर का निवेश होगा।सुवर्ण परियोजना के तहत नैना प्राधिकरण के अंतर्गत बारह स्थानों पर टाउनशिप परियोजनाएं, मुंबई-पुणे हाइवे सर्विस लेन, गोरेगांव-ठाणे टनेल (सुरंग) और सिंहगढ़ रोड जैसे परियोजनाओं सहित, सार्वजनिक परिवहन सुविधा परियोजना, सागरी-हवाई और रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी सुविधा) वाली परियोजनाएं, सड़क परिवहन की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं, मुंबई-अहमदाबाद ( हाई स्पीड रेलवे) बुलेट ट्रेन, एकीकृत नदी पुनरुद्धार परियोजना जैसे परियोजनाएं आती है। नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रभाव वाले क्षेत्र में नैना प्राधिकरण के तहत एमएमआरडीए बारह स्थानों पर किफायती आवास श्रेणी वाले आवास परियोजनाएं शुरु करेंगा, ऐसी भी योजना बनाई गई है। इससे बड़ी आबादी को उनकी मांग के अनुरूप आवास उपलब्ध हो सकेगा।मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के दोनों ओर छह लेन की सर्विस रोड बनाई जाएंगी। जिसके परिणामस्वरुप इस सड़क पर बढ़ते ट्रैफिक को कम किया जा सकेगा। गोरेगांव-ठाणे टनेल (सुरंग) और सिंहगढ़ सड़क विकास के कारण महत्वपूर्ण विकास क्षेत्रों को कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध होगी।
सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का सक्षम नेटवर्क
कोस्टल रोड मेट्रो और मेट्रो लाइन-5 की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के कारण यात्री परिवहन सुविधा में बड़े स्तर पर सुधार होगा। इसके लिए करीब 1 हजार 270 करोड़ डॉलर्स का प्रावधान किया जाएगा।
बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस)
मुंबई में बस सेवा का आधुनिकीकरण करते समय इस संकल्पना को भी अपनाया जाएगा।समुद्री, हवाई और रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी सुविधाओं) के विकास को गति दिया जाएगा। इन क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा।
बंदरगाह विकास
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट प्राधिकरण, वाढवण बंदर, दिघी और रेवस इन बंदरगाहों पर बंदरगाह सुविधाओं के विकास पर ध्यान केंद्रित करने की योजना बनाई गई है। इससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
हवाई परिवहन
नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से यातायात (200 करोड़ डॉलर का निवेश) शुरू होने के बाद छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दबाव कम हो जाएगा। इसके अलावा प्रदूषण और अन्य समस्याएं भी दूर होंगी। इसके अलावा 2032 तक छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का भी विस्तार किया जाएगा। इस विस्तार के कारण हर साल छह करोड़ से अतिरिक्त यात्री परिवहन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
सड़क विकास के महत्वाकांक्षी परियोजनाएं एमटीएचएल, हिंदु हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धी महामार्ग, धर्मवीर छत्रपती संभाजी महाराज सागरी किनारा - कोस्टल रोड, वडोदरा महामार्ग सहित भारतमाला परियोजना चरण -3 के कामों के कारण बड़ा निवेश होने वाला है।
ट्रेन
मुंबई अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर इस परियोजना के कारण देश के आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण दो शहरों को जोड़ा जाएगा।
इंटिग्रेटेड रिवरफ्रंट विकास योजना
एमएमआरडीए ने मिठी, ओशिवारा इन नदियों को पुनरुद्धार करने की योजना बनाई है। नमामि गंगा परियोजना की तर्ज पर इसे पर्यटन और मनोरंजन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही पर्यावरण संवर्धन-संरक्षण के लिए उपाय करने की भी योजना बनाई जाएगी।भारत की शहरी आबादी की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए एमएमआर क्षेत्र में नागरीक सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी सुविधाओं) की योजना बनाना आवश्यक है। इसके लिए इस क्षेत्र में लगभग 16 हजार 400 करोड़ डॉलर के निवेश के विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनाओं और सुविधाओं की योजना पर जोर दिया जा रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होगे। इस बाबत हाल ही में नीति आयोग ने भी एक रिपोर्ट दी है। इसलिए एमएमआर क्षेत्र विकसित भारत के लिए एक 'पावर हाउस' बनने जा रहा है।