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राज्य में तीर्थस्थलों के विकास के लिए 305 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरीमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में शिखर समिति की बैठक


मुंबई, 24 सितंबर: राज्य के विभिन्न तीर्थस्थलों के विकास के लिए लगभग 305 करोड़ 63 लाख रुपये की योजनाओं को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में आयोजित शिखर समिति की बैठक में मंजूरी दी गई। इसमें पंढरपूर के दर्शन मंडप और दर्शन रांगा के लिए 129 करोड़ 49 लाख रुपये की योजना शामिल है।

मुख्यमंत्री शिंदे ने बैठक में निर्देश दिए कि राज्य के तीर्थस्थलों के विकास के लिए उचित फंड उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन स्थलों के विकास के लिए तुरंत योजना बनाई जाए और सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण होने चाहिए।

बैठक में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील, मंत्री अनिल पाटील, विधायक शिवेंद्रसिंहराजे भोसले, समाधान अवताडे, और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। जळगांव, नाशिक, और सातारा के जिलाधिकारियों ने भी बैठक में दृश्य प्रणाली के माध्यम से भाग लिया।

पंढरपूर में नई सुविधाएं

पंढरपूर में विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर परिसर में भक्तों और पर्यटकों के लिए दर्शन मंडप और दर्शन रांगा का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 129 करोड़ 49 लाख रुपये की योजना को मंजूरी मिली है। इसके अलावा, नाशिक के भगूर में स्वातंत्र्यवीर सावरकर की जीवन पर आधारित एक थीम पार्क का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए 40 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत की गई है।

अन्य विकास योजनाएं

अमळनेर (जळगांव) में मंगळग्रह देवस्थान के लिए 25 करोड़ रुपये, और सातारा जिले के कोयना जलाशय में जलक्रीड़ा पर्यटन के लिए 47 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग को मंजूरी दी गई है।

अमरावती जिले के दर्यापूर में संत गाडगेबाबा की कर्मभूमि ऋणमोचन के विकास के लिए 18 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी मिली है। इसके साथ ही, शहीद तुकाराम ओंबळे के स्मारक के लिए 15 करोड़ रुपये की निधि की स्वीकृति दी गई है।

पंढरपूर दर्शन मंडप की विशेषताएं

पंढरपूर में बनने वाला दर्शन मंडप लगभग 16,000 वर्ग मीटर में होगा, जिसमें पहले और दूसरे तल पर 6,000 भक्तों की व्यवस्था की जाएगी। दर्शन के लिए टोकन प्रणाली का उपयोग किया जाएगा, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। इसमें स्काईवॉक जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी, जिससे भक्तों को अधिकतम सुविधा मिल सकेगी।

इस तरह की सभी योजनाओं से राज्य में तीर्थस्थलों का विकास होगा और भक्तों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।

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