1 December 2024
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के ट्यौढी गांव के 22 वर्षीय युवा वैज्ञानिक अमन कुमार ने अपने डिजिटल नवाचारों और तकनीकी विशेषज्ञता से न केवल स्थानीय समस्याओं को हल किया, बल्कि देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है।
अमन के प्रयासों में आईसीटी से सामाजिक बदलाव के मॉडल का विकास, प्रोजेक्ट कॉन्टेस्ट 360, और कांवड़ यात्रा एप शामिल हैं, जिन्होंने लाखों लोगों को तकनीकी सहायता प्रदान की है। उनकी सराहनीय पहल ने उन्हें यंग ट्रांसफॉर्मर्स अवार्ड, शिक्षा रत्न सम्मान, और स्वामी विवेकानन्द यूथ अवार्ड जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार दिलाए हैं।
डिजिटल ग्राम पंचायत प्रोजेक्ट के तहत उन्होंने बागपत की पहली डिजिटल पंचायत बनाई, जबकि स्वीप बागपत एप ने सवा लाख मतदाताओं को ई-गवर्नेंस से जोड़ा। अमन को भारत सरकार ने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर युवाओं के आइकॉन के रूप में आमंत्रित किया और वह बागपत जिले के पहले स्टेट यूथ अवॉर्डी बने।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, अमन यूनिसेफ इंडिया और यूनेस्को के साथ काम कर चुके हैं, जहां उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया। पर्यावरण के क्षेत्र में उनके योगदान में ‘चूज लाइफ’ पुस्तक और ग्लोबल यूथ बायोडायवर्सिटी नेटवर्क में सक्रिय भूमिका शामिल है।
अमन कुमार का कार्य न केवल बागपत जिले के लिए गर्व का विषय है, बल्कि युवा पीढ़ी को प्रेरित करने वाला भी है। उनकी उपलब्धियां इस बात का प्रमाण हैं कि इच्छाशक्ति और नवाचार से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।